बीफ का लेबल लगाकर धडल्ले से हो रहा गोमांस का निर्यात, महाराष्ट्र सहित ५ राज्यों में एफआईआर दर्ज

देश में गोमांस पर प्रतिबंध लगा है। इसके बावजूद देश के कई राज्यों से बीफ के नाम पर गोमांस का धड्डले से निर्यात हो रहा है। बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, झारखंड और तेलंगाना में दर्ज एफआईआर से इस गोरखधंदे का खुलासा हुआ है !
बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम पांच राज्यों से फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे गोमांस का कारोबार किया जा रहा है। बीते दो महीनों के दौरान इन राज्यों में लगभग १,०११ टन संदिग्ध गोमांस बरामद किया जा चुका है जिसकी बाजदार में कीमत लगभग १६ करोड़ रुपये आंकी जा रही है !
गौरतलब है कि भारत दुनिया में बीफ का सबसे बड़ा निर्यातक देश है परंतु यहां गोमांस के कारोबार पर पूरी तरह प्रतिबंध के साथ-साथ पकड़े जाने पर कड़ी सजा का भी प्रावधान है। वहीं नियम के अनुसार देश से मीट का निर्यात करने के लिए तीन रिपोर्ट अनिवार्य है। पहली रिपोर्ट जानवर को मारने से पहले उसके स्वास्थ पर आधारित रहती है। वहीं दूसरी जानवर को मारने के बाद उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तीसरी मीट के सैंपल की लैबोरेटरी रिपोर्ट की अनिवार्यता है !
अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर कई राज्यों में चल रहे इस फर्जी कारोबार में इन सर्टिफिकेट्स की जगह जिन सर्टिफिकेट्स का सहारा लिया गया है उसमें सरकारी लैब से जानवर की हेल्थ रिपोर्ट और सरकारी डॉक्टरद्वारा प्रमाणित रिपोर्ट शामिल है। हालांकि मीट एक्सपोर्ट करने के लिए इन दोनों को सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार नहीं है !
वहीं इन राज्यों में पुलिसद्वारा जब्त किए गए मीट के ९ सैंपल को फॉरेंसिक साइंस लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया है। इन ९ सैंपल में ७ में गोमांस पाया गया जबकि दो सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इस रिपोर्ट के देशभर में लगभग एक दर्जन मीट निर्यात कंपनियों को जांच के घेरे में लिया गया है !
देहली आधारित वर्टेक्स एग्री प्रोडक्ट और ग्लोबल फूड इंटरनैशनल कॉर्पोरेशन भी गोमांस के कारोबार में शामिल पाई गई हैं जिनके खिलाफ कई राज्यों में आधा दर्जन से अधिक मामलों में जांच चल रही है। वहीं वर्टेक्स एग्री के मालिकों के खिलाफ अरेस्ट वारंट और लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने नाम न दिए जाने की शर्त पर दावा किया है कि ये दोनों कंपनियां लंबे समय से बीफ के नाम पर गोमांस का निर्यात कर रहे हैं !
स्त्रोत : आज तक

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