मक्का मस्जिद ब्लास्ट : वोटों के लिए हिन्दुआें को ‘हिन्दू आतंकवाद’ कहकर अपमानित करनेवाली कांग्रेस अब पूरे देश की माफी मांगे
मक्का मस्जिद पर निर्णय आने के बाद भाजपा विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर हमलावर हो गई है । पार्टी ने कहा कि, कांग्रेस ने वोट के लिए हिन्दू धर्म को बदनाम किया । अब राहुल गांधी और सोनिया गांधी इस मामले में पूरे देश से माफी मांगें । भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेताओं पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया । उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के चेहरे से मुखौटा उतर गया है । वर्ष २०१३ में कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने ‘हिन्दू आतंकवाद’ नामक शब्द का प्रयोग किया था । उन्होंने भाजपा और अराएसएस पर भी आरोप लगाए थे । बाद में जब शिंदे से इस बाबत सवाल पूछा गया था तो उन्होंने अखबार में यह बात पढने की बात कही थी ।’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘वर्ष २०१० में पी. चिदंबरम ने पहली बार इस शब्द (हिन्दू आतंकवाद) का प्रयोग किया था । चंद वोट बटोरने के लिए कांग्रेस द्वारा की जा रही तुष्टिकरण की नीति का आज (१६ अप्रैल) को पर्दाफाश हुआ है । मैं कांग्रेस से सवाल पूछना चाहता हूं कि, क्या आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैंडल लेकर क्षमायाचना करने के लिए मध्यरात्रि को १२ बजे इंडिया गेट पर आएंगे या नहीं ।’ भाजपा ने सोनिया और राहुल गांधी पर भी जमकर हमला बोला ।
संबित पात्रा ने कहा, ‘पी. चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे ने हिन्दू धर्म को बदनाम करने की शिक्षा राहुल और सोनिया गांधी से ही ली है । क्या इन दोनों ने राहुल की मंजूरी के बिना ही हिन्दुओं के विरुद्ध बयान दिया था । सोनिया और राहुल गांधी के दिल में इस देश के प्रति थोडी से भी आत्मीयता है तो आज उन्हें क्षमायाचना करनी चाहिए ।’
संबित पात्रा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और दिग्विजय सिंह पर भी हमला बोला । भाजपा प्रवक्ता ने बटला हाउस एनकाउंटर पर खुर्शीद के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि मुठभेड के बाद सोनिया गांधी रोई थीं । वहीं, दिग्विजय सिंह ने ओसामा बिन लादेन को ‘ओसामा जी’ कह कर संबोधित किया था ।
बता दें कि, वर्ष २००७ के मक्का मस्जिद बम धमाके में विशेष न्यायालय ने स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया । एनआईए आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं कर सकी । शुरुआती जांच के बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था । वर्ष २०११ में धमाके की जांच की जिम्मेदारी एनआईए के हवाले कर दी गई थी ।
स्त्रोत : जनसत्ता
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