तिरुवनंतपुरम : केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा ने ऐलान किया है कि वह सबरीमाला के श्रद्धालुओं को समर्थन देते हुए अपना आंदोलन जारी रखेगी। राज्य भाजपा ने केरल की लेफ्ट सरकार को नास्तिक बताते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने (राज्य सरकार ने) सबरीमाला को बर्बाद करने का फैसला कर लिया है।
आपको बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने सबीरमाला में महिलाओं की एंट्री पर लगी रोक हटा दी थी, लेकिन इस मसले को लेकर श्रद्धालुओं और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई। सबरीमाला में अबतक महिलाओं की एंट्री नहीं हो पाई है। केरल भाजपा के अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि भाजपा ३० नवंबर को श्रद्धालुओं के समर्थन में और राज्य सरकार की प्रताडना के खिलाफ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगी।
उन्होंने कहा कि, राज्य में शासन करने वाली पार्टी के सारे नेता नास्तिक हैं और उन्होंने सबरीमाला को बर्बाद करने का फैसला कर लिया है। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी शनिवार को केरल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे। शाह ने कहा था कि सरकार और कोर्ट को ऐसे फैसले नहीं सुनाने चाहिए, जिनका पालन न करवाया जा सके और जो आस्था से जुडे हों।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अबतक ४००० से अधिक निर्दोष लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है। भाजपा ३० नवंबर को इसके खिलाफ त्रिवेंद्रम में डीजीपी ऑफिस के सामने एक दिन का उपवास करेगी। केरल के अन्य जिलों में एसपी ऑफिस तक मार्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ८ नवंबर से कासरगोड से सबरीमाला तक रथयात्रा निकाली जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने २८ सितंबर को अपने फैसले में १० से ५० साल तक की उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। राज्य की लेफ्ट सरकार ने जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराने की कोशिश की तो सबरीमाला के श्रद्धालु और पुजारी इस फैसले के विरोध में उतर गए। वहीं, राज्य में हुई गिरफ्तारियों का बचाव करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन ने रविवार को मीडिया को बताया कि कानून के शासन का उल्लंघन होने पर यह सामान्य पुलिस कार्रवाई है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स
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