अगर SC सबरीमाला पर फैसला दे सकता है, तो राम मंदिर पर भी फैसला आना चाहिए : योगी आदित्यनाथ

नई देहली : राम मंदिर के निर्माण को लेकर लगातार अलग अलग बयान सामने आ रहे है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी ने शनिवार को देहली में एक कार्यक्रम के बाद कहा कि, किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। अगर उच्चतम न्यायालय सबरीमाला मंदिर पर अपना फैसला दे सकता है, तो हम अपील करते हैं कि राम मंदिरपर भी वह निर्णय ले। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि का मुद्दा राजनीतिक नहीं है बल्कि यह धार्मिक भावनाओं से जुडा मामला है।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने २० अक्टूबर को गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मन्दिर से निकली भव्य विजय शोभायात्रा के दौरान एक मंच से बोलते हुए मुख्यमंत्री योगीजी ने कहा था कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीलाओं को देखकर हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। रामलीलाओं की भव्यता के साथ-साथ समाज के इस भव्य मंदिर को भी उसी रूप में बनाने की तैयारी हमें करनी चाहिए जिस प्रकार से भव्य मंदिर के रूप में रामलीलाओं का आयोजन हम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू करनी चाहिए।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी उठाया था राम मंदिर मुद्दा

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरूवार (१८ अक्टूबर) को सरकार से अपील की थी कि वह कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। संघ द्वारा आयोजित वार्षिक विजयदशमी पर्व में बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि राम जन्‍मभूमि के लिए स्‍थान का आवंटन अभी बाकी है, जबकि साक्ष्‍यों से यह स्‍पष्‍ट है कि उस जगह पर मंदिर था। यदि राजनीतिक हस्‍तक्षेप नहीं होता तो वहां पर मंदिर काफी पहले ही बन गया होता। हम चाहते हैं कि सरकार कानून बनाकर निर्माण के मार्ग को प्रशस्‍त करे।

राष्ट्र के ‘स्व’ के गौरव के लिए जरूरी है राम मंदिर निर्माण

मोहन भागवत ने कहा था, राष्ट्र के ‘स्व’ के गौरव के संदर्भ में अपने करोड़ों देशवासियों के साथ श्रीराम जन्मभूमि पर राष्ट्र के प्राणस्वरूप धर्ममर्यादा के विग्रहरूप श्रीरामचन्द्र का भव्य राममंदिर बनाने के प्रयास में संघ सहयोगी है। राम मंदिर का बनना स्वगौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व नई-नई चीजें पेश कर न्यायिक प्रक्रिया में दखल दे रहे हैं और फैसले में रोड़े अटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना वजह समाज के धैर्य की परीक्षा लेना किसी के हित में नहीं है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें रोड़े अटका रही हैं। राजनीति के कारण राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही है।’’
स्त्रोत : झी न्यूज

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