दंतेवाडा : छत्तीसगढ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में मंगलवार को नक्सलियों ने प्रदेश में प्रथम चरण के मतदान का प्रचार थमने से कुछ समय पहले भाजपा के काफिले पर हमला कर दिया। उन्होंने विधायक भीमा मंडावी का वाहन आइईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट कर उडा दिया। इसमें मंडावी की मौत हो गई, जबकि उनकी सुरक्षा में तैनात चार जवान शहीद हो गए।
विधायक दंतेवाडा से चुनावी बैठक कर लौट रहे थे। गौरतलब है कि २५ मई २०१३ को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के काफिले पर हमला किया था। इसमें प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत करीब ३१ लोगों की मौत हो गई थी।
जानकारी के मुताबिक मंडावी कुआकोण्डा ब्लॉक के श्यामगिरी गांव में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद नकुलनार लौट रहे थे। इसी दौरान सड़क पर नक्सलियों द्वारा लगाए गए लैंडमाइंस के ऊपर से उनका बुलेट प्रूफ वाहन गुजरा और विस्फोट हो गया। इसमें वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। शाम करीब चार बजे हुई वारदात में मंडावी की मौके पर ही मौत हो गई। वाहन में चार जवान भी सवार थे, जो शहीद हो गए। गौरतलब है कि पांच साल पहले ठीक इसी जगह पर नक्सलियों ने हमला किया था, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था।
फायरिंंग कर हथियार भी लूटे
जानकारी के मुताबिक भाजपा विधायक के काफिले के पीछे तीन और वाहन चल रहे थे, जिनमें जवान सवार थे। हमले के तुरंत बाद नक्सलियों ने फायरिंग की। जवानों ने जवाब दिया तो वह भाग खड़े हुए। इस दौरान वह जवानों के तीन हथियार लूट ले गए। वारदात स्थल को फोर्स ने अपने कब्जे में ले लिया है। वहां अतिरिक्त बल को भी भेजा गया है।
२००८ में पहली बार विधायक बने थे मंडावी
मंडावी २००८ में दंतेवाड़ा सीट से पहली बार विधायक बने थे। २०१३ में कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा से हार गए थे। २०१८ में वह फिर जीते। वह बस्तर संभाग से भाजपा के इकलौते विधायक थे। विधानसभा में उप नेताप्रतिपक्ष और भाजपा के आदिवासी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे।
संदर्भ : जागरण
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