ISI का नया प्लान : नेपाल बॉर्डर पर बिछा रहा है लश्कर के मॉड्यूल का जाल

June 13, 2019

जम्मू-कश्मीर में नाकाम होने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अब नया प्लान बना रही है। आईएसआई अब भारत-नेपाल बॉर्डर पर लश्कर-ए-तैयबा के मॉड्यूल का जाल बिछा रही है। आजतक को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, आईएसआई ने लश्कर के नेपाल में मौजूद स्लीपर सेल के कमांडर उमर समस उर्फ उमर मदनी को मॉड्यूल बनाने की पूरी जिम्मेदारी दी है।
उमर मदनी भारत-नेपाल बॉर्डर के तराई इलाके में मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवाश करने में जुटा है। लश्कर ने अपने ऑपरेशन के लिए नेपाल के कपिलवस्तु में बेस बना रखा है। लश्कर कमांडर उमर मदनी नेपाल बॉर्डर एरिया से ब्रेनवाश किए युवाओं को पाकिस्तान भेजने की फिराक में है। खुफिया रिपोर्ट के बाद भारत नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया।
नेपाल के जरिये आतंकी घुसपैठ और आतंकी मॉड्यूल को पालने और पोसने का काम पाक खुफिया एजेंसी लगातार करती रहती है। खुफिया सूत्रों ने आज़तक को जानकारी दी है कि, नेपाल के मोरंग जिले में लश्कर का संदिग्ध मौलाना उमर मदनी, नया मॉड्यूल बनाकर भारत विरोधी गतिविधियों को फैलाने में लगा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार लश्कर-ए-तौयबा से जुडा मौलाना मदनी “नेपाल एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी” के जरिये भारत विरोधी गतिविधियों को धड़ल्ले से फैला रहा है।
खुफिया एजेंसी ने गृह मंत्रालय को दी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत नेपाल के बॉर्डर से सटे कुछ नेपाल के जिलों में मौलाना मदनी अपने एनजीओ के जरिये विदेशो से फंड मंगा रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ इस फंड का इस्तेमाल मदनी बॉर्डर एरिया के भोले भाले युवाओं को लश्कर में शामिल करने के लिए ब्रेनवाश कर रहा है। खुफिया एजेंसियों ने इस बात की ओर भी इशारा किया है कि कैसे नेपाल रूट से विदेशी पैसा नेपाल के एनजीओ में आ रहा है और इस एनजीओ का इस्तेमाल मदनी मुस्लिम युवाओं को लश्कर में शामिल करने के लिए रेडिक्लाईज कर रहा है।
आतंकवाद को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान के लिए १७५१ किमी में खुली भारत-नेपाल की सीमा सबसे मुफ़ीद रही है। यही वजह है कि खूंखार आतंकी बाघा या अन्य बॉर्डर की बजाय इस रूट को ज्यादा तरजीह देते हैं। क्योंकि ये बॉर्डर खुला है हालांकि की एसएसबी इस बॉर्डर की सुरक्षा में रहती है पर आतंकी कई बार घुसने की कोशिश में पकड़े जाते हैं। पिछले तीन दशक में दर्जनों खतरनाक आतंकी भारत-नेपाल सीमा पर दबोचे जा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियां अपनी हर रिपोर्ट के भारत-नेपाल सीमा को अति संवेदनशील बता चुकी हैं। भारत का मित्र देश नेपाल आतंकियों के लिए मुफीद साबित हो रहा।
इस बात की तस्दीक १९९१ में हुई जब सोनौली बॉर्डर पर पंजाब का उग्रवादी सुखविंदर सिंह दबोचा गया था। सिद्धार्थनगर के बढ़नी में भारत-नेपाल सीमा पर अजमेर सिंह व भाग सिंह नामक उग्रवादी पकडे गये थे। १९९३ में मुंबई कांड का आरोपी टाइगर मेमन भी सोनौली बॉर्डर पर ही दबोचा गया। इनके अलावा नेपाल से अपनी गतिविधियां संचालित करने वाले पाकिस्तानी आतंकी जब्बार को एटीएस ने लखनऊ में पकडा था। जब्बार भी नेपाल सीमा के रास्ते ही भारत के घुसा था लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया था। यही नहीं बब्बर खालसा का खतरनाक उग्रवादी मक्कन सिंह बढ़नी (सिद्दार्थनगर) में पकडा गया था।
भारत-नेपाल सीमा पर ही देश के लिए खतरा बने टॉप आतंकियों में शुमार अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस ने दबोचने में कामयाबी हासिल की थी। फिर इंडियन मुजाहिद्दीन का खूंखार आतंकी यासीन भटकल नेपाल की सीमा पर पकडा गया। अक्टूबर २०१६ में डॉ-जावेद नाम का एक संदिग्ध पाक नेशनल पकडा गया था। बीते १३ मई २०१७ को हिजबुल आतंकी नासीर अहमद वानी को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया गया था।
कुछ महीने पहले आजतक को खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी थी कि आईएसआई नेपाल की सेना में चुपचाप नए तरीके इस्तेमाल कर घुसपैठ करने की कोशिश में लगी हुई है। इसके लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और वहां की सेना नेपाल की राजधानी काठमांडू में नेशनल डिफेंस कॉलेज बना रही है। चीन की तर्ज़ पर पाकितान नेपाल से नज़दीकी बढ़ाने की कोशिशों में लगा हुआ है। जिससे वो नेपाल में भारत के प्रभाव को कम कर सके।
सुरक्षा महकमे के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान काठमांडू में  नेशनल डिफेंस कॉलेज बनाना चाहता है जिससे वो नेपाल की सेना में अपनी पैठ मजबूत कर सके। खुफिया एजेंसियो के अनुसार पाकिस्तान जहां नेपाल में नेशनल डिफेंस कॉलेज बनाना चाहता है वहीं काठमांडू में स्थित पाक हाई कमीशन एंटी इंडिया प्रोपगेंडा भी चला रहा है।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार पाकिस्तान और नेपाल के बीच नेशनल डिफेंस कॉलेज बनाने को लेकर पिछले कुछ दिनों में कई राउंड की मीटिंग हो चुकी है। पाकिस्तान पिछले कुछ सालों में नेपाल के साथ अपने डिप्लोमेटिक रिश्तों को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है जिससे वो भारत के प्रभाव को कम कर सके। पिछले दिनों एक खुफिया रिपोर्ट में ये कहा गया था कि पाकिस्तान नेपाल में भारत विरोधी आतंकी गुटों की मदद करने में लगा हुआ है जिससे आतंकी नेपाल और भारत की खुली सीमा का फायदा उठा कर भारत मे दाखिल हो सके।
सुरक्षा एजेंसियों की माने तो नेपाल में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने काफी जाल बिछा रखा है। इस पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने ही भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित करने के लिए एक बार फिर लश्कर के मॉड्यूल को शह देकर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिशों में जुटा है।  हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और खुफिया एजेंसी लश्कर के इस संदिग्ध मॉड्यूल को लेकर अलर्ट पर हैं।
स्त्रोत : आज तक

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