फर्जी पहचान पत्रों से ‘भारतीय’ बने रोहिंग्या, यूं सक्रिय है दलालों का नेटवर्क !



नई देहली – बांग्लादेश और म्यांमार से रोहिंग्याआें को भारत में घुसपैठ कराने के लिए एक नेटवर्क सक्रिय है। नवभारत टाइम्स समाचारपत्र के अनुसार, गुवाहाटी और कोलकाता स्थित दलाल इन्हें भारत में घुसपैठ कराने में मदद कर रहे हैं। यही नहीं भारत में इनके रहने को वैधता दिलाने के लिए इन्हें फर्जी दस्तावेज भी मुहैया कराए जा रहे हैं। इनके पास भारत के फर्जी पहचान पत्र भी हैं। भारत की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स में यह बात कही गई है। यही नहीं भारत में आकर बसे रोहिंग्या स्थानीय मुस्लिम संगठनों से भी मदद चाहते हैं ताकि उन पर कोई प्रश्न खडा न हो और उन्हें भारत के बाहर न भेजा जाए।

गुरुवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह जब भारत-बांग्लादेश सीमा के मसले पर पश्चिम बंगाल समेत पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे तो वह रोहिंग्याओं को घुसपैठ कराने वाले नेटवर्क का मुद्दा भी उठाएंगे। कोलकाता में सक्रिय घुसपैठ कराने वाले दलालों और एजेंटों पर लगाम कसने को लेकर चर्चा होगी। एजेंसियों के अनुसार ये दलाल बांग्लादेश से घुसपैठ कराकर लोगों को झुग्गियों और किराये पर बसाने में मदद करते हैं। इसके बाद इन्हें धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भेज दिया जाता है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘भारत से बांग्लादेश की ४००० किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। इसमें से १९०० किलोमीटर सीमा बंगाल से लगती है। यहां दो ऐसे बड़े क्रॉसिंग पॉइंट्स हैं, जहां से घुसपैठ होती है और स्थानीय एजेंट इस काम को अंजाम दिलाते हैं। हमें इसके लिए स्थानीय पुलिस को संवेदनशील बनाना होगा क्योंकि रोहिंग्या भारत के लिए संभावित खतरा हैं।
इंटेलिजेंस एजेंसियों के अनुमानों के अनुसार पूरे भारत में करीब ४०००० रोहिंग्या मुस्लिम अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। इनमें से ७०९६ लोग जम्मू, ३०५९ हैदराबाद, १११४ मेवात में, १२०० पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और १०६१ रोहिंग्या दिल्ली में रह रहे हैं। इसके अलावा जयपुर में भी ४०० रोहिंग्या बसे हुए हैं। एक अन्य खुफिया अधिकारी ने कहा, ‘इसके अलावा केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी कुछ रोहिंग्या लोगों के बसने की खबर है। इसके अलावा जम्मू, हैदराबाद और अंडमान-निकोबार द्वीप में भी रोहिंग्या बसे हैं।’
यह समाचार पढकर ध्यान में आता है कि . . . 
१. भले ही भारत सरकार ने, रोहिग्याआें का भारत में रहना सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया हो परंतु यहां के देशद्रोहियों की इसकी कोर्इ चिंता नही है । इसलिए वो देश की सुरक्षा को अनदेखा कर रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में घुसपैठ करने के लिए मदत कर रहे है ।
२. बता दे कि, इसके पहले भी देश में रोहिंग्याआें को शरण मिले इस हेतु कुछ राजनेता तथा कुछ मुस्लिम लोगो ने भी सरकार पर दबाव डालने का प्रयास किया है । उनके समर्थन में मोर्चे निकाले है । अवैध रुप से रहनेवाले रोहिंग्याआें के पास से नकली पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटरकार्ड बरामद होने के भी कर्इ घटना सामने आ चुकी है ।
३. म्यांमार आर्मी के एक रिपोर्ट अनुसार, सेना को रखाइन राज्य में तलाशी के दौरान एक सामूहिक कब्रगाह मिली थी । इसमें ४५ हिन्दुओं के कंकाल बरामद हुए थे । आर्मी ने आरोप किया है कि, इन हिन्दुओं की हत्या रोहिंग्या मिलिटेंट्स ने की है ।
४. हाल ही में भारत में अल-कायदा के लिए रोहिंग्याआें को भर्ती करने के आरोप में ब्रिटेन के रहने वाले रहमान को देहली पुलिस के स्पेशल सेल गिरफ्तार किया था ।
५. इससे हम अंदाजा लगा सकते है कि, देश मे रोहिंग्याआें का रहना कितना खतरनाक है । भारत सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर करने का जो निर्णय लिया है, वह सराहनीय ही है । परंतु इसी के साथ अब भारत सरकार ने ठोस कदम उठाकर रोहिंग्याआें को देश में घुसने के लिए मदत करनेवालों पर तथा उनका समर्थन करनेवालों पर कडी कारवार्इ करनी चाहिए ।
६. साथ ही रोहिंग्याआें को घुसपैठ करने में मदत करनेवालों पर भी सरकारने कठोर कारवार्इ करनी चाहिए, यही जनता की अपेक्षा है ।

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