गौरी लंकेश हत्या मामला : हिंदुत्वनिष्ठोंकाे बलि का बकरा बनाने का कर्नाटक काँग्रेस का षड्यंत्र !

मंड्या (कर्नाटक) : देश को हिलानेवाले पत्रकार गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में एक छोटासा धागा ढूंढने में भी असफल रहा राज्य शासन क्या अब आनेवाले चुनाव को सामने रखकर उसका लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है ? इस संदेह की पुष्टि करनेवाली तथा इस प्रकरण में कोई संबंध न रहनेवाले व्यक्ति पर ‘हत्यारा’ का धब्बा लगाने के लिए सिद्ध, ऐसे एक रहस्य की अचूक जानकारी विजयवाणी, दिग्विजय न्यूज २४x७ को प्राप्त हुई है !
मुदुरू-मंड्या जिले के नवीन नामक हिन्दुत्वनिष्ठ युवक को अवैध रूप से कारतूस रखने के आरोप में हाल ही में पुलिस प्रशासन ने बंदी बनाया है। अब उसके विरोध में गौरी लंकेश की हत्या का आरोप लगाने का प्रयास चल रहा है ! नवीन को आरोपी ठहराने के लिए उसके एक मित्र को ही साक्षी के रूप में सामने लाने के लिए एसआयटी पुलिस ने षडयंत्र रचने का नाटक आज के दिन छूटे हुए नवीनकुमार के प्रिय मित्र गिरीश ने विजयवाणी, दिग्विजय न्यूज के सामने उजागर किया है !

नवीन को कहां बंदी बनाया गया ?

पुलिसकर्मियोंद्वारा दी गई जानकारी के अनुसार १८ फरवरी को मैजेस्टिक में कारतूस बेचते समय नवीन को बंदी बनाया गया; परंतु वास्तव में उसे १४ फरवरी को बिरुरू में उसके घर पर बंदी बनाए जाने की गिरीश ने जानकारी दी !
मुदुरू-मंड्या जिले के नवीन नामक हिन्दुत्वनिष्ठ युवक को अवैध रूप से कारतूस रखने के आरोप में हाल ही में पुलिस प्रशासन ने बंदी बनाया है। अब उसके विरोध में गौरी लंकेश की हत्या का आरोप लगाने का प्रयास चल रहा है !

नवीन का भाई तिम्मेगौड का मत

नवीनकुमार के मोबार्इल के आधार पर उसका मित्र अनिलकुमार को उसी दिन बंदी बनाया गया। १५ फरवरी को अभिलाष ने मुझे फोन कर लक्ष्मी देवालय के निकट बुलाया और वहां पहुंचते ही मुझे घेरकर जीप में डाला गया, ऐसा गिरीश ने कहा।
वो प्रश्‍न, जिनके उत्तर नहीं मिले हैं . . .
  • वर्ष २०१७ के सायं ५ को हुई गौरी लंकेश की हत्या, महाराष्ट्र में की गई डॉ. नरेंद्र दाभोलकर (२० अगस्त २०१३) की हत्या, कॉ. गोविंद पानसरे (१६ फरवरी २०१५), साथ ही कर्नाटक में की गई एम एम कलबुर्गी (३० अगस्त २०१५) की हत्या एक ही पद्धति से की गई है। हेल्मेट पहनकर आए आक्रमणकारियों ने बहुत निकट से माथे पर गोली मारी है। दोनों राज्यों के जांच दलों ने विशेष आयाम रखकर जांच करने का प्रयास किया है फिर भी अभीतक आरोपियों का पता नहीं लगा है !
  • गौरी प्रकरण में पुलिस ने रेखाचित्र निकाला किया था, जिसमें एक संदिग्ध के माथे पर कुंकुम लगाया गया था। इससे यह सरकार हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं को लक्ष्य बना रही है, ऐसा संदेह था। हेल्मेट पहने हुए व्यक्ति के माथे पर लगाया गया कुंकुम पुलिस को कैसे दिख पड़ा ?, इस बात से यह संदेह उत्पन्न हुआ !

४ लोगों को बंदी बनाया गया था

अवैधरूप से कारतूस रखने के आरोप में पुलिस प्रशासनद्वारा बंदी बनाए गए नवीनकुमार उपाख्य होट्टे मंज को ही बंदी बनाने का निश्चित किया गया था; परंतु वास्तव में तब पुलिस ने ४ लोगों को बंदी बनाया था। १४ फरवरी को नवीनकुमार को बंदी बनाए जाने के पश्‍चात १५ फरवरी को श्रीरंगपट्टण के अनिलकुमार, मुद्दुरू तहसिल के हेम्मनहळ्ळी गांव के गिरीश, कस्तुर के अभिलाष को भी बंदी बनाया गया था। १५ फरवरी को न्यायालयद्वारा पुलिस हिरासत देना अस्वीकार करने के पश्‍चात इन तीनों को पुलिस ने छोड दिया है !

प्राण संकट में होने का भय

एक ओर इस प्रकरण में मेरे मित्र को ‘फिक्स’ करने का प्रयास दिखाई देता है, तो दूसरी ओर मुझे मेरी जान को धोका हैं ! राजनीतीक दबाव को बलि चढकर पुलिस प्रशासन ने हमें इस बडे प्रकरण में फंसाने का निश्‍चय किया है। कुछ मिडिया निराधार विचारों का प्रसार कर नवीनकुमार को आरोपी के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, ऐसा कहते समय गिरीशकुमार की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने ऐसा प्रतिपादन किया है कि यदि नवीनकुमार दोषी है, तो उसे उचित दंड मिले; परंतु राजनीतिक लाभ के लिए किसी हिन्दुत्ववादी को बलि मत चढाईए !

गिरीश ने क्या बताया ?

प्रश्‍न : नवीनकुमार के संबंध में आपको क्या जानकारी है ?
गिरीश : हम विगत अनेक वर्षों से मित्र हैं। उनके हिन्दुत्वनिष्ठ विचार मुझे अच्छे लगने से मैं उनके साथ जुड गया। वे मुझे अपना छोटा भाई मानते हैं !
प्रश्‍न : पुलिस ने उनको बंदी क्यों बनाया ?
गिरीश : नवीन हिन्दू युवासेना की स्थापना कर संघर्ष कर रहे थे। मुदुरू में ईसाईयोंद्वारा हिन्दुओं के धर्मांतर की घटनाएं बढ रही थी। २ मास पहले उन्होंने अपना संघर्ष अधिक तीव्र बनाया था। उस समय बेंगळुरू के नगरविकास मंत्री के.जे. जॉर्ज ने पुलिस थाने में दूरभाष कर नवीनकुमार के विरोध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था !
प्रश्‍न : तो क्या इस एक कारण के लिए इतना बडा प्रकरण ?
गिरीश : केवल इतना ही नहीं ! के.एम. दोड्डी में विवादित भूमिपर मस्जिद खडी की जा रही थी। उसकी जानकारी मिलते ही नवीनकुमार ने उसके विरोध में संघर्ष किया। उस समय एक संघटनद्वारा उनकी हत्या की धमकी दी गई थी। इस कारणवश पुलिस प्रशासन ने उनको कुछ दिन बाहर रहने का सुझाव दिया था; इसलिए वे बिरुरू में ठहरे थे !
प्रश्‍न : आप को बंदी बना के उन्होंने क्या किया ?
गिरीश : १५ फरवरी को अभिलाष एवं मुझे बंगळुरू ले जा या गया। हमें कहां ले जाया जा रहा है, यह हमारी समझ में न आए; इसके लिए हमें सर नीचे कर बिठाया गया। तब हमारा वाहन तुमकूर के मार्गपर होने का मुझे ध्यान में आया। वहां से कुछ दूरीपर हमारा मुख टॉवेल से ढक दिया गया तथा उसके पश्‍चात हमें एक रिसॉर्ट में ले जाया गया। दो लोग हमारे सामने ही नवीनकुमार को खींचते हुए लेकर आ गए। अण्णा से बहुत मारपीट की गई थी। उनको देखकर मुझे रोना आ गया। मुझे ऐसा लगा कि धर्मांतर तथा अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध में संघर्ष करने के कारण उनको बंदी बनाया गया होगा !
प्रश्‍न : रिसॅार्ट में क्या किया गया ?
गिरीश : १९ फरवरी को हम तीनों के विरोध में रेल स्थानक पर संदेहजनक स्थिति में घूमने का आरोप लगाकर अभियोग पंजीकृत किया गया। उसके पश्‍चात हमें रिसॉर्ट ले जाकर वहां हमारा उत्पीडन किया गया। वहां हमारे साथ अश्‍लील भाषा में गालीगलोच की गई।
प्रश्‍न : पुलिसकर्मियों का आपके साथ व्यवहार कैसा था ?
गिरीश : उसका शब्दों में वर्णन करना संभव नहीं है; परंतु इस प्रकरण के प्रति उनमें भी भय है; क्योंकि राजनीतिक दबाव के कारण वे हमें बलि चढाने का प्रयास कर रहे हैं ! ‘‘महाराष्ट्र में भी जांच चल रही है। वहां यदि हम झूठे सिद्ध हो गए, तो हमारी लज्जा भी नहीं बचेगी’’, उनको ऐसा बोलते हुए मैने सुना है !

इलेक्शन का टेन्शन तथा निर्दोष की बलि चढाई जाना !

राज्य सरकार विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर को रोकने का प्रयास कर रही है; परंतु राज्य में हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं की हत्याएं राज्य शासन के लिए सिरदर्द बन गया है। इसका पहले से ही संदेह है कि राज्य सरकार गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में हिन्दू संघटनों को फंसाकर भाजपा की मानहानि का प्रयास कर रही है। श्री. नवीनकुमार को बंदी बनाया जाना, इसकी पुष्टि करता है। गौरी हत्या प्रकरण में पुलिस ने श्री. नवीनकुमार को लक्ष्य क्यों बनााया ?, इतनी शीघ्रता से पुलिस प्रशासन जांच क्यों कर रहा है ?, ऐसे प्रश्‍न उत्पन्न हो रहे हैं। चुनाव के समय लोगों के मन पर इस प्रकार के सूक्ष्म विचारों का प्रभाव होता है। उसमें भी आंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रहे गौरी लंकेश हत्या प्रकरण का रहस्यभेदन करने की अपेक्षा हत्या करनेवालों की पार्श्वभूमि महत्त्वपूर्ण है !
इसके लिए दाहिनी विचारधारावाले भाजपा तथा हिन्दू संघटनों से संपर्क में होनेवाले व्यक्ति को आरोपी प्रमाणित करना आवश्यक था, ऐसी शंका उत्पन्न हो रही है ! संदिग्ध आरोपी श्री. नवीन हिन्दुओं के संघर्ष में अंतर्भूत थे। साथ ही उनकी भाजपा और हिन्दू संघटनों के नेताओं से निकटता थी। उनको शस्त्र रखने के कानून के अंतर्गत बंदी बनाकर गौरी प्रकरण में उनको फंसाने का यह एक राजनीतिक षडयंत्र है, यह आरोप है।
श्री. नवीन को प्रमुख आरोपी बनाया गया, तो चुनाव समाप्त होनेतक इस प्रकरण की आग जलती रहेगी ! उसके पश्‍चात न्यायालय में क्या होगा ?, इसके साथ किसी को कोई लेना-देना नहीं है ! आज के दिन चल रही जांच तो पूर्व नियोजित षडयंत्र है, ऐसा दिखाई देता है !

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