श्रीनगर सेंट्रल जेल में एनआईए की छापेमारी, फोन, सिम कार्ड, पाकिस्तानी झंडे जब्त

  • श्रीनगर की सेंट्रल जेल बनी आतंकियों का महफूज अड्डा

  • एनआईए की छापेमारी में बड़ी संख्या में फोन, आईपैड बरामद

  • एनआईए की कम से कम २० टीमों ने ली जेल में तलाशी

श्रीनगर : श्रीनगर की सेंट्रल जेल में कैदियों के पाकिस्तान से संबंध होने का एक बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकवादी इस जेल में बैठे आतंकी गतिविधियों को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं। इस साजिश का खुलासा एनआईए के छापे से हुआ है !
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को यहां केंद्रीय कारागार पर छापा मारा और वहां से दो दर्जन से अधिक मोबाइल फोन, जिहादी साहित्य, पाकस्तानी झंडा और डाटा हार्डवेयर जब्त किया।
एनआईए की कम से कम २० टीमों ने इस हाई सिक्योरिटी वाली जेल के बैरकों एवं खुली जगहों की तलाशी ली। इन टीमों की मदद के लिए एनएसजी के कमांडो एवं ड्रोन भी लगाए गए थे। जेल में कुछ अतिवांछित और दुर्दांत आतंकवादी भी हैं। उनमें कुछ पाकिस्तान के भी हैं।

जेल में आतंकी भर्ती की साजिश

एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि कुपवाड़ा में दो युवकों दानिश गुलाम लोन और सुहैल अहमद भट की गिरफ्तारी की जांच के सिलसिले में जेल परिसर की तलाशी की गई। इन दोनों युवकों ने दावा किया था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल बद्र के नए रंगरुटों को हथियारों के प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है जिसकी पूरी साजिश श्रीनगर के केंद्रीय कारागार में रची गई !

ड्रोन से रखी गई नजर

तलाशी सोमवार तड़के शुरु हुई और दोपहर तक चली। उस दौरान सभी बैरकों और खुली जगहों की सु-प्रशिक्षित टीमोंद्वारा सघन तलाशी ली गई। इस काम में मेटल डिटेक्टरों की भी मदद ली गई। एनआईए की टीमों के साथ मजिस्ट्रेट, गवाह और डॉक्टर भी थे। पूरी तलाशी के दौरान ड्रोन से भी नजर रखी गई थी।

पाकिस्तानी झंडे और जिहादी साहित्य बरामद

अधिकारी के अनुसार तलाशी के दौरान २५ मोबाइल फोन, कुछ सिमकार्ड, पांच सुरक्षित डिजिटल कार्ड, पांच पेन ड्राइव, एक आईपॉड अैर बड़ी संख्या में दस्तावेज एवं हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर, पाकिस्तानी झंडे, जिहादी साहित्य जैसी कई चीजें जब्त की गई।
हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर

हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर

एनआईए श्रीनगर के एक अस्पताल से छह फरवरी को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद नावेद झट्ट के भाग जाने की भी जांच कर रही है। बता दें कि छह फरवरी को श्रीनगर के एक अस्‍पताल में चेकअप के लिए लाए आतंकवादी पुलिस पर हमला करके अपने साथी को छुड़ा कर फरार हो गए थे। इस हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। हमले के दौरान २०१४ में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम से पकड़ा गया पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नवीद हमलावरों के साथ फरार हो गया। वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था।

जेल बनी आतंकवादियों की भर्ती का अड्डा

पिछले महीने ही जम्मू-कश्मीर सीआईडी की रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि श्रीनगर की सेंट्रल जेल आंतकवादियों की भर्ती करने का एक अड्डा बन गई है ! यहां कैदी एक समानांतर प्रशासनिक ढांचा खड़ा कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है जेल अधिकारियोंद्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने इसे नजरअंदाज किया। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्तमान में सेंट्रल जेल की भूमिका इतनी महत्त्वपूर्ण हो गई है कि प्रत्येक नए आतंकवादी की भर्ती केवल जेल के भीतर से मंजूरी मिलने के बाद ही होती है।
स्त्रोत : झी न्यूज

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