सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि, देश में जहां सरकार नहीं पहुंच पाती, वहां सेना शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराती है । उन्होंने आगे बताया कि सैनिक भी देश में टैक्स चुकाते हैं, जो कि राज्यकोष में जाता है । रावत ने ये बातें एक कार्यक्रम के दौरान कहीं । गुरुवार (१ मार्च) को वह ‘राष्ट्र निर्माण में सशस्त्र बलों को सहयोग’ विषय पर एक कार्यक्रम में थे ।
सेना प्रमुख रावत ने इस दौरान उन्होने कहा, “देश के सबसे दूरवर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र बल शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं लोगों तक पहुंचाते हैं । खासकर उन स्थानों पर, जहां सरकार नहीं पहुंच पाती है । ऐसे में उन जगहों पर भारी संख्या में लोग सशस्त्र बलों पर निर्भर रहते हैं !” सेना प्रमुख के अनुसार, “जहां हमारे सैनिक तैनात किए जाते हैं, वहां उनकी जरूरत के लिए कई सामान खरीदे जाते हैं । सैनिक जरूरत के हिसाब से उस सामान को स्थानीय लोगों में उनकी मदद के लिए बांटते हैं । हम जिन मुद्दों पर लोगों की मदद करते हैं उन्हें ध्यान में रख सकते हैं, मगर हम ऐसा नहीं करते !”
रावत ने कहा, “हम सभी वर्दीवाले टैक्स चुकाते हैं, क्योंकि हमारे मामले में कर पहले ही कट जाता है, लिहाजा जब हम अपनी तनख्वाह निकालते हैं तब हम अपने कर को चुका चुके होते हैं, जो बाद राजकोष में जाता है !”
स्त्रोत : जनसत्ता
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