आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए केरल से युवकों की भर्ती के जुर्म में विशेष एनआईए न्यायालय ने २९ साल की महिला यासमीन मोहम्मद जाहिद को सात साल कैद ए बामुशक्कत की सजा सुनाई है । केरल में आईएसआईएस के लिए भर्ती का यह पहला मामला था ।
एर्नाकुलम स्थित विशेष न्यायालय ने मूल रूप से बिहार की रहनेवाली यासमीन को कासरगोड़ के रहनेवाले एक शख्स अब्दुल्ला अब्दुल रशीद के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी करार दिया । इन पर आईएसआईएस के प्रोपेगैंडा का प्रचार करने का आरोप था । न्यायालय ने इस संबंध में उस पर २५,००० रुपये का जुर्माना भी लगाया है ।
एनआईए के वकील अर्जुन ने बताया कि, न्यायालय ने आरोपी यासमीन मोहम्मद जाहिद को गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत ३८, ३९ और ४० के तहत दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई है ।
बताया जाता है कि, १३ लोग एक ही दिन केरल से गायब हो गए । मामले की जांच में पता चला कि सभी गायब लोग आईएसआईएस के लिए काम कर रहे हैं ।
गौरतलब है कि, यासमीन पर वर्ष २०१६ मई में पहली बार केस दर्ज होने के बाद उसी वर्ष ३० जुलाई को उसे उसके बेटे के साथ देहली एअरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था । इसी मामले में एनआईए ने एक दूसरे शख्स, अब्दुल राशिद के खिलाफ भी केस दर्ज किया है । खुफिया एजेंसियों के अनुसार रशीद इन दिनों अफगानिस्तान में है ।
स्त्रोत : न्यूज 18
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