गंगा बचाने के लिए अनशन कर रहे संत गोपाल दास महाराज दून अस्पताल से भी लापता

गंगा रक्षा को लेकर अनशन कर रहे संत गोपाल दास महाराज दून अस्पताल में उपचार शुरू होने सात घंटे के भीतर गायब हो गए। वह देहली एम्स से दून अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल प्रशासन से सूचना मिलने के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची। देर रात एसपी सिटी पीके राय के नेतृत्व में पुलिस टीम उनकी तलाश करती रही। लेकिन, गोपाल दास महाराज का पता नहीं लगा।
लंबे अनशन के चलते स्वास्थ्य बिगडने पर महाराज पूर्व में ऋषिकेश एम्स में भर्ती थे। वहां से उन्हें सोमवार को देहली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) रेफर कर दिया गया था। देहली एम्स से डिस्चार्ज होकर वे बुधवार दोपहर १२.४४ बजे दून अस्पताल पहुंचे। यहां उनके शिष्य यशवीर ने तीमारदार के तौर पर संत गोपाल दास महाराज को भर्ती कराया। अस्पताल में उनका उपचार शुरू किया गया। लेकिन, उन्होंने देर शाम तक न तो कोई जांच कराई और न ही कोई दवाई ली। अस्पताल में वह वार्ड १४ के बेड संख्या १५ पर भर्ती थे। रात पौने आठ बजे अस्पताल कर्मचारियों ने देखा तो संत और उनके तीमारदार दोनों गायब थे। काफी देर तलाश के बाद प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
संत गोपाल दास महाराज के गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस अफसर हरकत में आए। एसपी सिटी और सीओ सूचना मिलते ही दून अस्पताल पहुंचे। वहां आसपास देर रात तलाश करने के साथ ही सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। संत गोपाल दास का कुछ पता नहीं लगा।

छोड गए मोबाइल फोन

संत गोपाल दास जब अस्पताल से लापता हुए तो उनके दोनों मोबाइल उनके बेड पर रखे मिले। पुलिस मोबाइल नंबर कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है कि अस्पताल से लापता होने से पहले वह किसके संपर्क में थे। बता दें कि संत गोपल दास ने इनवेस्टर समिट के दौरान भी गांधी पार्क के बाहर धरना दिया था।

नहीं पता कैसे पहुंचा दून अस्पताल

दून अस्पताल में भर्ती गोपाल दास ने बुधवार को मीडिया से कहा था कि वह बीती रात देहली एम्स में भर्ती थे। उन्हें जब होश आया था तो वह दून में थे। उन्हें नहीं पता कि वह कैसे दून अस्पताल पहुंचे।

संथारा का किया था ऐलान

हरिद्वार के मातृ सदन में अनशन के दौरान गोपालदास ने देह त्यागने के लिए संथारा साधना करने का ऐलान और अनिश्चितकालीन मौन साधना की घोषणा की थी। संत गोपाल दास महाराज ने बीती १३ अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संथारा साधना के दौरान शासन और प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की खलल न डालने की अपील की थी।

पिता रात १२ बजे तक देहली एम्स में बैठे रहे

संत गोपालदास के पिता शमशेर ने कहा कि वे बुधवार शाम करीब साढे पांच बजे से चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में मौजूद हैं लेकिन अब तक कोई भी अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया। कोई भी उनके बेटे की सूचना नहीं दे रहा है। रात करीब सवा आठ बजे एक जूनियर महिला डॉक्टर को कक्ष में भेज सिर्फ इतना कहा कि हमें उनकी जानकारी नहीं है। उन्हें छुट्टी दे दी गई है।
वहीं सोमनाथ भारती ने रात ९ बजकर ५२ मिनट पर ट्वीट कर कहा कि संत गोपालदास के पिता के साथ वे एम्स के चिकित्सा अधीक्षक के कार्यलय में बैठे हैं। पिछले ३६ घंटे से संत गोपाल दास महाराज गायब हैं लेकिन उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई कि उन्हें कहां भेजा गया है।
देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा,  संत गोपाल दास की सुरक्षा में कानूनी तौर पर किसी पुलिस कर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई गई थी। हालांकि, कोतवाली पुलिस को उनपर निगरानी का निर्देश दिया गया था। उनके लापता होने में किसी स्तर लापरवाही हुई, इसकी जांच की जा रही है। उनका पता लगाने का पुलिस प्रयास कर रही है।

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