केरल की नन के यौन शोषण मामले में पूर्व बिशप फ्रैंको मुल्लकल के खिलाफ चार्जशीट फाइल


  • जून २०१८ – जालंधर डायोसिस के पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप

  • ८० पन्नों के आरोप पत्र में विशेष जांच दल ने इस केस में ८३ गवाहों के बयान दर्ज किए

  • लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेडिकल टेस्ट समेत कुल ३० सबूत इकट्‌ठा किए

जालंधर : केरल की नन के यौन शोषण मामले में जालंधर डायोसिस के पूर्व पादरी फ्रैंको मुल्लकल के खिलाफ मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने आरोप पत्र दाखिल किया है। ८० पन्नों के आरोप पत्र के साथ ही जांच दल ने इस केस में ८३ गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, वहीं लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेडिकल टेस्ट समेत कुल ३० सबूत इकट्‌ठा किए गए हैं। हालांकि मुलक्कल ने लैपटॉप सौंपने से इनकार कर दिया था, लेकिन बावजूद इसके उनके खिलाफ सबूत मिटाने के आरोप में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
दरअसल जून २०१८ में केरल की एक नन ने रोमन कैथोलिक के जालंधर डायोसिस के तत्कालीन पादरी फ्रेंको मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। केरल पुलिस के पास दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक फ्रेंको ने पहले २०१४ में हिमाचल प्रदेश के एक गेस्ट हाउस में उसके साथ रेप किया। इसके बाद करीब दो साल में उसका १४ बार यौन शोषण किया गया। इस केस की जांच-पड़ताल के लिए केरल पुलिस कई बार जालंधर आकर फ्रेंको से पूछताछ कर चुकी है, वहीं बीते दिनों केरल में एक और नन की संदिग्ध मौत के बाद यह मामला फिर से गर्माया। १९ सितंबर को जब केरल पुलिस ने फ्रेंको को जांच के लिए वहां बुलाया तो उन्होंने इससे पहले ही अपनी सभी जिम्मेदारियों का परित्याग कर दिया था। वहां जाने के बाद तीन दिन लगातार पूछताछ चली, वहीं कोर्ट से सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस ने फ्रेंको को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद कोर्ट ने ३ अक्तूबर को हाईकोर्ट ने मुलक्कल की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद १५ अक्टूबर को फिर से इस मामले में केरल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ फ्रेंको की जमानत याचिका मंजूर कर ली। जस्टिस राजा विजय राघवन ने मुलक्कल की जमानत मंजूर करते हुए साथ ही निर्देश दिया है कि वह अपना पासपोर्ट अधिकारियों के सामने जमा करें और हर दो हफ्ते में एक बार शनिवार को जांच अधिकारी के सामने पेश हों। इसके अलावा वह कभी केरल में कभी दाखिल नहीं होंगे। कोर्ट के निर्देश के मुताबिक आरोप-पत्र दायर किए जाने तक मुलक्कल पर ये सभी शर्तें लागू रहनी थी।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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