भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी हमले से जुडा इनपुट काफी पहले ही श्रीलंका खुफिया एजेंसी से साझा किया था। एक बार फिर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने शक जाहिर किया है कि पाकिस्तान के ड्रग्स माफिया ने श्रीलंका में हुए आतंकी हमले के लिए फंड जुटाने में अहम भूमिका निभाई है। श्रीलंका पुलिस ने गुरुवार को ही ९ पाकिस्तानी नागरिकों को आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
कैसे पहुंचा विस्फोटक ?
श्रीलंका पुलिस के सामने छानबीन के दौरान सबसे बडा सवाल यही है कि इतनी मात्रा में विस्फोटक आतंकियों के पास पहुंचा कैसे ? छानबीन में मदद कर रहीं भारतीय खुफिया एजेंसियोंं ने शक जाहिर किया है कि पाकिस्तान के कराची से श्रीलंका के बीच स्मगलिंग का बडा ड्रग्स रैकेट चलता है। आतंकियों को विस्फोटक, पैसा और अन्य मदद पहुंचाने के लिए पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं ने इसी रास्ते का उपयोग किया हो सकता है।
पाकिस्तान से आ रही इस ड्रग्स से कमाए पैसों के जरिए ही आतंकियों ने श्रीलंका में अपना बेस बनाया और मौका मिलने पर इतने बडे हमले को अंजाम दिया। खुफिया एजेंसियों को शक है कि समुद्र के रास्ते ही विस्फोटक श्रीलंका पहुंचाया गया होगा। इसके अलावा स्लीपर सेल की फंडिंग और युवाओं को कट्टरपंथ में धकेलने का काम कर रहे संगठनों को भी यहां से पैसा मिल रहा है।
केरल में एक्टिव स्लीपर सेल पर शक
श्रीलंका धमाकों के बाद भारतीय एजेंसियां केरल, तमिलनाडु में आईएस और तौहीद जमात के स्लीपर सेल या समर्थकों की तलाश में जुट गई हैं। बता दें कि अमेरिका समर्थित गठबंधन सेना की आक्रामक कार्रवाई के कारण सीरिया से सिमट चुके इस्लामिक स्टेट ने दक्षिण एशियाई देशों में पैर जमा लिए हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समेत केंद्रीय एजेंसियों की मदद से दोनों राज्यों की पुलिस ने अपने प्रदेशों में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) और श्रीलंका के कट्टरपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के संभावित स्लीपर सेल या समर्थकों को तलाशने के लिए बडा अभियान छेड़ दिया है। आरोप है कि एनटीजे ने आईएस की मदद से श्रीलंका में हमला किया था, जिसमें २५० से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
स्त्रोत : न्युज १८
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