बंगाल में हिन्दूद्वेषी तृणमूल कांग्रेस की मुघलाई !
सिलिगुडी : कोलकाता पुलिस ने राम नवमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं को बाइक रैली निकालने की अनुमती नहीं दी है। पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद की बाइक रैली शुरू होने के ठीक पहले अनुमती देने से मना कर दिया।
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं से कहा गया था कि वे रैली के दौरान राम की केवल एक ही तस्वीर का उपयोग करेंगे। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं में रैली करने की अनुमती रोक दिए जाने पर भारी रोष है। पुलिस की रैली रोके जाने के बाद विहिप सदस्यों ने राम की तस्वीर के साथ भगवे झंडे के साथ स्थानीय रैली निकालने की कोशिश की।
विहिप की यह रैली दक्षिण बंगाल में व्यापक तौर पर होने वाली थी। विहिप ने दावा भी किया था कि इस बार की रैली में हथियारों का प्रदर्शन बिलकुल भी नहीं किया जाएगा। विहिप के संगठन सचिव सचिंद्रनाथ सिन्हा ने कहा था, ‘हमारी संस्था की अधिकृत रैली में पुलिस के दिए गए आदेशों का पालन किया जाएगा। इस रैली में कोई भी हथियार लेकर नहीं आएगा। ‘सचिंद्रनाथ ने दावा किया था कि दक्षिण बंगाल में विहिप की ७०० छोटी और बडी रैलियां करने की योजना है। चुनाव की वजह से उत्तर बंगाल में कम रैलियां प्रस्तावित की गई थीं।
बहुत संवेदनशील है पश्चिम बंगाल
पिछले साल २६ मार्च, रामनवमी के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के दिन भडकी सांप्रदायिक हिंसा की चर्चा पूरे देश में हुई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, राम नवमी की यात्रा के दिन बजाए जा रहे गानों को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद दंगा भडका।
पहले रामनवमी यात्रा पर पत्थरबाजी हुई फिर एक गाडी को आग लगा दी गई थी। इस घटना के बाद आसनसोल में भडका सांप्रदायिक हिंसा राज्यव्यापी हो गई। इस घटना पर खूब बयानबाजी और सियासतबाजी की गई।
इस सांप्रदायिक दंगे में महेश मंडल की रानीगंज में और सिबतुल्ला रशीदी की आसनसोल में मौत हो गई थी। दो संप्रदायों के बीच हुई इस झडप में कई लोग घायल भी हुए थे और कई घरों और दुकानों को दंगाईयों में आग लगा दी थी।
स्त्रोत : आज तक
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