भारतीय वैज्ञानिक ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे भारत को शर्मसार होना पडे !
पाकिस्तान ने मंगलवार को भारत के मिशन शक्ति (ASAT) परीक्षण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे अंतरिक्ष में मलबा बढ गया है, जिसके अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से टकराने की आशंका है। पाकिस्तान के सरकारी प्रवक्ता के कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “यह ASAT परीक्षण न केवल अंतरिक्ष मलबे के संदर्भ में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष समुदाय के लिए भी गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए।’
पाकिस्तान की ओर से यह प्रेस विज्ञप्ति अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के बयान के बाद आई। नासा ने मंगलवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत द्वारा किए गए एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण की वजह से अंतरिक्ष में मलबे के लगभग ४०० टुकडे इकट्ठे हो गए हैं, जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को दिक्कत का सामना करना पड सकता है।
नासा की आेर से यह बात उनके प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कही। सोमवार को नासा के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत द्वारा पांच दिन पहले किए गए टेस्ट का उल्लेख किया। ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि सारे टुकडे इतने बडे नहीं हैं जिन्हें ट्रैक किया जा सके।
जिम ने कहा, ‘हमारी उस पर नजर है और हम बडे टुकडों को ट्रैक कर रहे हैं। हम लोग १० सेंटीमीटर (६ इंच) से बडे टुकडों की बात कर रहे हैं। ऐसे अब तक ६० टुकडे मिले हैं।’ उन्होंने कहा कि लगभग २४ टुकडे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ऊपर चले गए हैं।
हालांकि भारत ने इन बयानों पर सकारात्मक रूप से अपनी बात रखी है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इसरो के अध्यक्ष के वरिष्ठ सलाहकार तपन मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि भारतीय वैज्ञानिक ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे भारत को शर्मसार होना पडे। अगले छह महीनों में ‘ मिशन शक्ति’ के प्रयोग से बना मलबा समाप्त हो जाएगा।
तपन मिश्रा ने कहा कि चीन की ओर से साल २००७ में किए गए परीक्षण का मलबा आज तक स्पेस में मौजूद है। उन्होंने कहा कि भारत जानबूझकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा जिससे अंतरराष्ट्रीय नुकसान हो।
स्त्रोत : न्युज १८
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