शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए मोदी सरकार के सामने महत्त्वपूर्ण मांग रखी ही। शिवसेना ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में बुर्का पर प्रतिबंध लगाए क्योंकि ये देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। इसके साथ ही मुखपत्र में यह भी कहा गया है कि जब श्रीलंका में बुर्का प्रतिबंधित है तो भारत में इस पर रोक लगनी चाहिए। इसपर एनडीए सरकार में मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामदास अठावले ने कहा है कि हर बुर्काधारी महिला आतंकी नहीं।
उन्होंने कहा ‘हर बुर्काधारी महिला आतंकी नहीं अगर कोई आतंकवादी है तो उसका बुर्का हटाया जा सकता है। यह भारत की एक परंपरा है और सभी को बुर्का पहनने का अधिकार है। इसलिए बुर्के पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। बता दें कि आतंकी हमले के बाद श्रीलंका की सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए बुर्का-नकाब समेत चेहरा ढकने वाली सभी चीजें बैन कर दी हैं। ईस्टर के दिन कोलंबो और अन्य शहरों मे सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद यह फैसला लिया गया। इन हमलों में २५० लोगों की मौत हुई थी।
शिवसेना ने कहा है कि भारत में तीन तलाक ही नहीं बुर्के पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। रावण की लंका में इसपर प्रतिबंध लग चुका है तो राम की अयोध्या में यह कब होगा ? बुर्के पर प्रतिबंध लगाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद अहम हो चुका है क्योंकि हमारे सुरक्षाबलों को इससे मुश्किल होती हैं। ऐसे में इसपर प्रतबिंध लगना ही चाहिए।
शिवसेना अन्य देशों का हवाला देते हुए कहा ‘श्रीलंका में आईएस ने हमले किए उसके बाद वहां सरकार ने रातोंरात बुर्के पर प्रतिबंध लग गया। यही नहीं न्यूजीलैंड, यूके और फ्रांस ने भी आतंकी हमलों के बाद बुर्के पर प्रतिबंध लगाया।’
बता दें कि इससे पहले हिंदू सेना ने भी गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर बुर्के पर प्रतिबंध की मांग की थी। हिंदू सेना ने अपने पत्र में बुर्का-नकाब समेत चेहरा ढकने वाली सभी चीजें पर सरकारी, प्राइवेट और सार्वजनिक जगहों पर प्रतबिंध लगाने के कहा है। उनका कहना है कि आतंकी बुर्के और नकाब का सहारा लेकर संस्थानों में घुसकर आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं।
स्त्रोत : जनसत्ता
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