कश्मीर में जेहाद के रास्ते से लौटे दो युवा, तीन की लश्कर से जुड़ने की तस्वीर वायरल


श्रीनगर, जेएनएन : जेहाद के रास्ते से दो युवकों को वापस लाने के पुलिस के दावे के कुछ घंटे बाद ही लश्कर-ए-तैयबा ने पुलवामा के तीन युवकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर उनके जेहादी बनने का एलान किया है। इस साल 50 से ज्यादा स्थानीय युवकों ने आतंकी संगठनों का दामन थामा है। इनमें से ज्यादातर पुलवामा से हैं।
गौरतलब है कि 2016 में आतंकी बुरहान की मौत के बाद से ही आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। युवकों को आतंकी बनने से रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने स्थानीय प्रशासन व सुरक्षा एजेंसियों के जरिए कई योजनाएं शुरू की हैं। राज्य पुलिस के मुताबिक करीब तीन दर्जन युवकों को आतंकी बनने से रोका गया है।
किसी पर दर्ज नहीं किया केस 
पुलिस ने मंगलवार सुबह कहा कि इन दोनों युवकों को आतंकवाद छोड़ मुख्यधारा में शामिल कराने में परिजनों और दोस्तों ने पूरी मदद की है। इन युवकों के खिलाफ किसी प्रकार का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। अलबत्ता, इन युवकों को काउंसलिंग प्रदान की जा रही है, ताकि इन्हें सामान्य जिंदगी में जीने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। पुलिस प्रवक्ता ने इन युवकों की पहचान उजागर नहीं की है।
हथियारों के साथ तीन के फोटो वायरल 
वहीं, इस घटना के कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर पुलवामा के तीन युवकों की फोटो हथियारों के साथ वायरल हो गई। तस्वीरों के मुताबिक यह तीनों युवक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी बन चुके हैं। इनकी पहचान इरशाद अहमद डार पुत्र मोहम्मद युसुफ डार निवासी तिरछल पुलवामा, रफीक अहमद डार पुत्र अब्दुल अजीज डार निवासी करनाबल संबूरा पुलवामा और नाजिम अहमद डार पुत्र अब्दुल अहद डार निवासी हकरीपोरा काकपोरा पुलवामा के रूप में हुई है।
बीसीए कर चुका है एक आतंकी 
रफीक डार को लश्कर ने कोड अबु कासिम दिया है। रफीक उर्फ कासिम मैट्रिक पास है और आतंकी संगठन के मुताबिक वह इसी माह पहली तारीख से बतौर लश्कर आतंकी सक्रिय हुआ है। बीसीए और सी प्लस प्लस की पढ़ाई करने वाला नाजिम अहमद डार गत मंगलवार को ही लश्कर में सक्रिय हुआ है। तिरछल के रहने वाले इरशाद अहमद डार ने अरबी भाषा में पढ़ाई करने के अलावा मौलवी का पाठयक्रम किया है।
लश्कर ने उसका कोड नाम अबु उसामा रखा है। नाजिम करीब चार दिन पहले ही घर से लापता हुआ है, जबकि इरशाद व रफीक करीब एक माह पहले से लापता हैं। इन तीनों के लापता होने के शिकायत इनके परिजनों ने पुलिस में दर्ज करा रखी है। संबंधित पुलिस अधिकारियों से जब तीन युवकों के आतंकी बनने के बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर तीन लापता युवकों की तस्वीरें वायरल हुई हैं। पुलिस का कहना है कि तस्वीरों की जांच की जा रही है।

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