. . . फिर भी भारत में आतंकवाद के धर्म की खोज जारी है !
नई देहली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने तमिलनाडु आइएस माड्यूल के सरगना मुहम्मद अजरुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। वह श्रीलंकाई आत्मघाती हमलावर जहरान हाशिम का फेसबुक फ्रेंड था। अधिकारियों ने बताया कि एनआइए ने बुधवार को कोयंबटूर में सात जगहों पर तलाशी ली।
एनआइए ने बताया है कि तलाशी के दौरान जांच एजेंसी ने १४ मोबाइल फोन, २९ सिम कार्ड, १० पेन ड्राइव, तीन लैपटाप, छह मेमोरी कार्ड, चार हार्ड डिस्क ड्राइव, एक इंटरनेट डोंगल और १३ सीडी/डीवीडी बरामद किए हैं। इसके अलावा एक छुरा, एक इलेक्टि्रक बैटन, ३०० एयर-गन पेल्लेट्स और बडी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं।
आरोपितों के घरों और कार्यस्थलों से पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कुछ पर्चे मिले हैं। ये दोनों संगठन सुरक्षा एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं। बयान में कहा गया है कि बरामद सामान को लेकर आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। ३० मई को कोयंबटूर के अजरुद्दीन की अगुआई वाले माड्यूल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में कोयंबटूर के पांच अन्य लोगों को भी नामजद किया गया था। नामजद किए गए लोगों में अकरम सिंधा, वाई शेख हिदायतुल्ला, अबूबकर एम, साधम हुसैन ए और इब्राहिम एट शाहीन शाह शामिल हैं।
एजेंसी को सूचना मिली थी कि आरोपित और उसके साथी सोशल मीडिया पर आतंकी संगठन आइएस का प्रचार कर रहे हैं। उनका मकसद दक्षिण भारत में खास तौर से केरल और तमिलनाडु में आतंकी हमले करने के लिए युवकों को भर्ती करना था। आरोप है कि अजरुद्दीन माड्यूल का नेता था और वही खलीफाजीएफएक्स नामक फेसबुक पेज की देखरेख करता था।
इसी पेज के माध्यम से वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन की विचारधारा का प्रचार किया करता था। एनआइए ने आरोप लगाया है कि अजरुद्दीन श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर आत्मघाती हमला करने वालों में से एक जहरान हाशिम का फेसबुक फ्रेंड था। २१ अप्रैल को भारत के पडोसी देश में हुए हमले की जिम्मेवारी आइएस ने ली थी। इस हमले में नौ आत्मघाती शामिल थे।
स्त्रोत : जागरण
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